दीवारों से मिलकर – Deewaron Se Milkar (Pankaj Udhas)

Movie/Album : मुक़र्रर
Performed By : पंकज उदास

दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जायेंगे, ऐसा लगता है

दुनिया भर की यादें हमसे मिलने आती हैं
शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है
हम भी…

कितने दिनों के प्यासे होंगे यारों सोचो तो
शबनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है
हम भी…

किसको कैसर पत्थर मारूं कौन पराया है
शीश-महल में एक एक चेहरा अपना लगता है
हम भी…

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