Lyrics By : अकबर अल्लाहबादी
Performed By : गुलाम अली
हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है
ना ताजुर्बकारी से वाइज़ की ये बातें है
इस रंग को क्या जाने पूछो तो कभी पी है
उस मैं से नहीं मतलब, दिल जिससे है बेगाना
मक़सुद्द है उस में से दिल ही में जो खींचती है
वा दिल में की सदमे दो या की में के सब सह लो
उनका भी अजब दिल है मेरा भी अजब जी है
हर ज़र्रा चमकता है अनवर-ए-इलाही से
हर सांस ये कहती है हम है तो खुदा भी है
सूरज में लगे धब्बा फितरत के करिश्मे है
बुत हम जो कही काफिर अल्लाह की मर्ज़ी है